भारत की आज़ादी से लेकर अबतक कुल 14 (1 कार्यवाहक) प्रधानमंत्री हुए हैं।
भारत के एक ऐसे प्रधानमंत्री थे जिन्हें 17 भाषाओं का ज्ञान था। वो 17 भाषाओं में बात कर सकते थे।
क्या आप जानते हैं कि 17 भाषाओं का ज्ञान रखने वाले प्रधानमंत्री कौन थे ? आज हम आपको इसी के बारे मे बताने वाले हैं।
भारत के नौवें प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव 17 भाषाएँ जानते थे।
उनका मातृभाषा तेलुगु था। मातृभाषा सहित उन्हें 17 भाषाओं का ज्ञान था जिसमे 9 भारतीय व 8 विदेशी भाषाएँ शामिल हैं।
भारतीय भाषाओं में वे तेलुगु, हिन्दी, उड़िया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, संस्कृत, तमिल व उर्दू भाषा को जानते थे। इसके अलावा उन्हें इंग्लिश, फ्रेंच, अरबी, स्पेनिश, जर्मन, ग्रीक, लैटिन व पर्शियन भाषा का भी ज्ञान था। उन्हें संस्कृत से काफी लगाव था।
पी०वी० नरसिम्हा राव भारत के प्रधानमंत्री बनने वाले पहले दक्षिण भारतीय व्यक्ति थे। वे 1991 से 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।
नरसिम्हा राव को 'Father of Indian Economic Reforms' यानी 'भारत के आर्थिक सुधारों का जनक' कहा जाता है।
नरसिम्हा राव से पहले चंद्रशेखर भारत के प्रधानमंत्री थे। चंद्रशेखर के कार्यकाल में भारत दिवालिया होने की कगार पर खड़ा था। कर्ज चुकाने के लिए भारत को अपना सोना गिरवी रखना पड़ा था। ये भारत के लिए बहुत शर्मनाक स्थिति थी। भारत की अर्थव्यवस्था को इस खराब दौर से बाहर निकालने का श्रेय नरसिम्हा राव को जाता है।
नरसिंह राव को भारत में कई प्रमुख आर्थिक परिवर्तन लाने का श्रेय भी दिया जाता है। उनके नेतृत्व में ही भारतीय अर्थव्यवस्था में ‘लाइसेंस राज’ की समाप्ति हुई और अर्थनीति में खुलेपन का आरम्भ हुआ।
भारत की विदेश नीति को विस्तार देने में भी उनका बहुत बड़ा योगदान था। लुक ईस्ट पॉलिसी भी नरसिम्हा राव ने ही शुरू की थी। इस नीति के तहत भारत ने दक्षिण पूर्व एशिया के देशों के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया।
पी वी नरसिम्हा राव का जन्म 28 जून 1921 को तेलंगाना के वारंगल जिले में हुआ था।
नरसिम्हा राव ने वर्ष 1962 से वर्ष 1971 के दौरान आंध्र सरकार में विभिन्न मंत्री पदों पर कार्य किया। इसके पश्चात् वे 1971 से 1973 तक तत्कालीन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।
पी वी नरसिम्हा राव का 9 दिसंबर, 2004 को हार्टअटैक के कारण निधन हो गया।